Top Guidelines Of sidh kunjika



देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

हुं हुं हुङ्काररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी ।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

नमस्ते शुंभहंत्र्यै च निशुंभासुरघातिनि ।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

ऐं-कारी सृष्टि-रूपायै, ह्रींकारी प्रतिपालिका।

aiṃ hrīṃ klīṃ chāmuṇḍāyai vichchē jvala haṃ saṃ laṃ kṣaṃ phaṭ svāhā ॥ 5 ॥

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

श्रृणु देवि ! प्रवक्ष्यामि, कुंजिका स्तोत्रमुत्तमम्।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः

नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि ।

नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि।

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं click here और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *